शिव-गणेश की आराधना का शुभ संयोग! जानें संकष्टी चतुर्थी का महत्व

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● आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया उपरांत चतुर्थी तिथि, संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाएगा।
● भगवान गणेश और भगवान शिव की पूजा करने से मिलेगा विशेष आशीर्वाद।
● शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, योग और राहुकाल से जानें आज के दिन की विशेष जानकारी।


 Sankashti Chaturthi 2025छ आज 17 मार्च 2025, सोमवार का दिन है और पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया उपरांत चतुर्थी तिथि है। इस दिन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तजन गणेश जी को अक्षत्, चंदन, फल, फूल, दूर्वा, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करते हैं। इसके साथ ही मोदक या लड्डू का भोग लगाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।

संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत करने वाले भक्तजन रात के समय चंद्रोदय के बाद जल में कच्चा दूध और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करते हैं। उसके पश्चात ही पारण करके व्रत पूरा किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से सभी संकटों का नाश होता है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

आज के दिन विशेष रूप से भगवान शिव की भी आराधना करनी चाहिए, क्योंकि सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित होता है। श्रद्धालु शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और जल में धतूरा, फूल, दूध और चावल मिलाकर अर्पित करते हैं। शिव मंत्र का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

आज का पंचांग (17 मार्च 2025)
तिथि: तृतीया – 07:33 PM तक, फिर चतुर्थी तिथि
नक्षत्र: चित्रा – 02:47 PM तक, फिर स्वाती
करण: विष्टि – 07:33 PM तक, फिर बव (पूर्ण रात्रि तक)
योग: ध्रुव – 03:45 PM तक, फिर व्याघात
पक्ष: कृष्ण पक्ष
दिन: सोमवार
चंद्र राशि: तुला राशि

आज के दिन दिशाशूल पूर्व दिशा में रहेगा, इसलिए यात्रा करने से पहले संबंधित दिशा में गुड़ या तिल का सेवन करना शुभ माना जाता है।

राहुकाल का समय अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए।